रेलवे स्टेशन के सामने बनने वाले मेट्रो के अंडरग्राउंड स्टेशन की आखिरी बाधा भी दूर हो गई है। प्रशासन ने ईरानी डेरा का बचा हुआ हिस्सा भी हटा दिया। तीन महीने पहले यहां से दुकानें हटाई गई थीं। शनिवार और रविवार को हुई कार्रवाई में स्टेशन में बाधक बन रहे मकानों को भी हटा दिया गया। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 के सामने पिछले कम से कम 65 साल से ईरानी डेरा के नाम से बस्ती थी। रेलवे स्टेशन के समीप होने से धीरे-धीरे यहां बड़ी संख्या में दुकानें भी बन गई थीं।
शनिवार को शहर एसडीएम दीपक पांडे के साथ जिला प्रशासन और नगर निगम के अमले ने मेट्रो के अफसरों के साथ यहां मकान हटाना शुरू किया। कार्रवाई रविवार दोपहर बाद तक जारी रही। मेट्रो रेल कंपनी ने शासन द्वारा निर्धारित दर पर स्ट्रक्चर का मुआवजा दे दिया था, इसलिए कार्रवाई का विरोध नहीं हुआ। अब जो निर्माण यहां बचे हैं, वे मेट्रो के काम में बाधक नहीं हैं।
108 आरा मशीनें व अन्य कब्जे भी हटाए जाना हैं
मेट्रो के अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए करीब तीन महीने पहले सॉइल टेस्टिंग हुई थी। काम शुरू करने के लिए भोपाल स्टेशन की एंट्री और एक्जिट का रास्ता और वाहन पार्किंग का स्थान बदला गया है। यह स्टेशन तैयार होने में तीन साल लगने की संभावना है। अभी मेट्रो रूट में बाधक 108 आरा मशीनें व अन्य कब्जे भी हटाए जाना हैं।
चार साल पहले आरएएफ के जवानों की मौजूदगी में हुई थी कार्रवाई... चार साल पहले पूरे इलाके को छावनी बनाकर आरएएफ के जवानों की मौजूदगी में यहां से कब्जा हटाया गया था। लेकिन कुछ ही महीनों बाद स्थिति जस की तस हो गई थी।
अब पूरी जमीन मेट्रो को मिली भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म-6 के सामने वाले क्षेत्र में अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन और अन्य सुविधाओं के लिए अल्पना तिराहे के सामने से लेकर नर्मदा आइस फैक्ट्री तक करीब ढाई एकड़ जमीन आवंटित की गई है। इस जमीन के ज्यादातर हिस्से पर अतिक्रमण था। लेकिन अब पूरी जमीन मेट्रो के कब्जे में है।