मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उच्चस्तरीय बैठक में जिस प्रस्तावित फॉर्मूले पर सैद्धांतिक सहमति दी है, उसके अनुसार प्रमोशन के बाद 2.03 लाख पद खाली होंगे। जिन पर नई भर्तियां होंगी। ये पद दो साल में भरे जाएंगे। इसकी तैयारी प्रमोशन प्रक्रिया के समानांतर चलेगी।
सरकार ने प्रमोशन के लिए जो फॉर्मूला प्रस्तावित किया है, उस पर अभी भी सहमति का पेंच फंसा है। भास्कर ने इस मसले पर जब कर्मचारी संगठन, अजाक्स (अनुसूचित जाति कर्मचारी संगठन) और सपाक्स (सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ) के पदाधिकारियों से बात की तो उनकी राय इस फॉर्मूले को लेकर जुदा है।
साथ ही प्रमोशन में आरक्षण का पेंच फंसा हुआ है। मप्र में किस तरह से प्रमोशन होगा, अजाक्स-सपाक्स और कर्मचारी संगठन क्या कहते हैं? प्रमोशन में आरक्षण को लेकर बाकी राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिए?
अब जानिए, क्या है सरकार का प्रस्तावित फॉर्मूला? अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रमोशन देने के लिए सरकार का प्रस्तावित फॉर्मूला ‘वर्टिकल रिजर्वेशन’ पर आधारित है। यानी कर्मचारी जिस श्रेणी (एससी, एसटी, सामान्य) में एक बार नियुक्त हुआ है, वह प्रमोशन में भी उसी श्रेणी में आगे बढ़ेगा। जितने पद रिक्त होंगे, उतने ही पद उसी वर्ग में बांटे जाएंगे। अन्य वर्ग के कर्मचारी उन पदों पर दावा नहीं कर सकेंगे, भले ही पद खाली रह जाएं।
यदि कार्यालय अधीक्षक के 50 पद खाली हैं तो एसटी को 10 ( 20% ) पद और एससी को 7-8 (16%) पदों पर प्रमोशन दिया जाएगा। शेष (32 या 33) पदों पर सामान्य वर्ग को प्रमोशन मिलेगा।
यदि एसटी के 10 में से 6 पद पहले ही भरे हैं, तो केवल 4 पदों पर प्रमोशन होगा। अगर 10 पद खाली हैं और केवल 7 योग्य उम्मीदवार हैं, तो योग्य उम्मीदवारों के अनुसार ही पद भरे जाएंगे। बाकी पद खाली रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन होंगे प्रमोशन मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रमोशन के नए नियम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जिसमें यह प्रावधान किया जा रहा है कि सभी प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन होंगे। यानी कोर्ट का जैसा भी अंतिम निर्णय होगा, सरकार उसे पूरी तरह लागू करेगी। वर्तमान में हाईकोर्ट में ही प्रमोशन से जुड़ीं 1000 से अधिक याचिकाएं लंबित हैं।
प्रमोशन के बाद 2 लाख पद होंगे खाली, भर्तियां होंगी सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रमोशन के बाद रिक्त होने वाले पदों की जानकारी सभी विभागों से मांगी है। जिसके मुताबिक, चार लाख से अधिक कर्मचारियों को प्रमोशन दिए जाने के बाद सभी कैडर के 2 लाख पद खाली होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि अभी पदोन्नति के लिए पात्र अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार दिया गया है।
इन्हें विधिवत पदोन्नति मिलने से पद रिक्त घोषित होंगे और फिर भर्ती प्रक्रिया होगी। ये चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। दरअसल, वर्तमान में सरकार का स्थापना व्यय (वेतन-भत्ते और पेंशन) कुल बजट का 27 फीसदी है। वह नई भर्ती के बाद बढ़ जाएगा। स्थापना व्यय वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान है।
वर्ष 2026-27 और वर्ष 2027-28 में लगभग एक-एक लाख पदों पर भर्तियां होंगी क्योंकि मौजूदा साल में अलग-अलग समय में प्रमोशन दिए जाएंगे। वित्त विभाग ने भी इसी हिसाब से विभागों को तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। यह भर्तियां कर्मचारी चयन मंडल और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) के माध्यम से कराई जाएंगी।